संविधान सभा की प्रमुख समितियां
भारत के संविधान को तैयार करने में संविधान सभा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभा ने विभिन्न कार्यों के लिए कई समितियों का गठन किया। इनमें 8 प्रमुख बड़ी समितियां थीं, जबकि कई छोटी समितियां भी बनाई गईं। यह पोस्ट संविधान सभा की समितियां, उनके अध्यक्षों और विशेष रूप से प्रारूप समिति के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है। यदि आप भारतीय संविधान के इतिहास में रुचि रखते हैं, तो यह आपके लिए उपयोगी साबित होगी। आइए, इन समितियों पर नजर डालते हैं!
संविधान सभा की बड़ी समितियां और उनके अध्यक्ष
संविधान सभा ने मुख्य रूप से 8 बड़ी समितियां गठित कीं, जो संविधान निर्माण के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित थीं। इन समितियों के अध्यक्ष प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। यहां सूची दी गई है:
समिति | अध्यक्ष | फोकस |
---|---|---|
संघ शक्ति समिति | जवाहरलाल नेहरू | केंद्र सरकार की शक्तियों पर विचार |
संघीय संविधान समिति | जवाहरलाल नेहरू | संघीय ढांचे के निर्माण पर |
प्रांतीय संविधान समिति | सरदार पटेल | प्रांतों के संविधान संबंधी मुद्दों पर |
प्रारूप समिति | डॉ. बी.आर. अम्बेडकर | संविधान का ड्राफ्ट तैयार करने की मुख्य जिम्मेदारी |
मौलिक अधिकारों एवं अल्पसंख्यकों संबंधी परामर्श समिति | सरदार पटेल | मौलिक अधिकार और अल्पसंख्यक मुद्दे |
इस समिति की दो उप-समितियां थीं: - मौलिक अधिकार उप-समिति: जे.बी. कृपलानी - अल्पसंख्यक उप-समिति: एच.सी. मुखर्जी | ||
प्रक्रिया नियम समिति | डॉ. राजेन्द्र प्रसाद | सभा की कार्यप्रणाली निर्धारित करने वाली |
राज्यों के लिए समिति (राज्यों से समझौता करने वाली) | जवाहरलाल नेहरू | राज्यों के एकीकरण पर |
कार्य संचालन समिति (स्टीयरिंग समिति) | डॉ. राजेन्द्र प्रसाद | सभा के दैनिक कार्यों का प्रबंधन |
ये समितियां संविधान सभा की मुख्य समितियां थीं और इन्होंने भारत के संविधान को आकार देने में योगदान दिया।
संविधान सभा की छोटी समितियां
बड़ी समितियों के अलावा, कई छोटी समितियां भी बनाई गईं, जो विशिष्ट कार्यों पर केंद्रित थीं। इनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:
- 📌 संविधान सभा के कार्यों संबंधी समिति - जी.वी. मावलंकर।
- 📌 कार्य संचालन समिति - डॉ. के.एम. मुंशी।
- 📌 सदन समिति - बी. पट्टाभिसीतारमैय्या।
- 📌 राष्ट्र ध्वज संबंधी तदर्थ समिति - डॉ. राजेन्द्र प्रसाद (राष्ट्रीय ध्वज के डिजाइन पर)।
- 📌 प्रारूप संविधान का परीक्षण करने वाली समिति - अल्लादी कृष्ण स्वामी अय्यर।
- 📌 क्रेडेंशियल समिति - सर अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर (सदस्यों की योग्यता जांच)।
- 📌 वित्त एवं स्टाफ समिति - डॉ. राजेन्द्र प्रसाद (वित्तीय और प्रशासनिक मुद्दे)।
- 📌 हिन्दी अनुवाद समिति (संविधान के हिंदी अनुवाद के लिए)।
- 📌 उर्दू अनुवाद समिति (उर्दू अनुवाद संबंधी)।
- 📌 प्रेस दीर्घा समिति - उषा नाथ सेन (मीडिया कवरेज के लिए)।
- 📌 भारतीय संविधान अधिनियम, 1947 के प्रभाव का आकलन करने वाली समिति।
- 📌 मुख्य आयुक्तों के प्रांतों से संबंधित समिति - बी. पट्टाभिसीतारमैय्या।
- 📌 भाषायी प्रांतों संबंधी आयोग - एस.के. ढार।
- 📌 वित्तीय प्रावधानों संबंधी विशेषज्ञ समिति - नलिनी रंजन सरकार।
- 📌 सर्वोच्च न्यायालय संबंधी तदर्थ समिति - एस. वरदाचारी।
ये छोटी समितियां संविधान निर्माण की बारीकियों को संभालने में सहायक रहीं।
प्रारूप समिति: संविधान निर्माण की सबसे महत्वपूर्ण समिति
संविधान सभा की सभी समितियों में प्रारूप समिति सबसे महत्वपूर्ण थी। इसका गठन 29 अगस्त, 1947 को हुआ। इस समिति को नए संविधान का प्रारूप तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। समिति में कुल 7 सदस्य थे, जिनकी सूची इस प्रकार है:
- 👨⚖️ डॉ. बी.आर. अम्बेडकर (अध्यक्ष) - संविधान के पिता के रूप में जाने जाते हैं।
- 👨⚖️ एन. गोपालस्वामी आयंगर।
- 👨⚖️ अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर।
- 👨⚖️ डॉ. के.एम. मुंशी।
- 👨⚖️ सैयद मोहम्मद सादुल्ला।
- 👨⚖️ एन. माधव राव।
- 👨⚖️ टी.टी. कृष्णमाचारी।
विभिन्न समितियों के प्रस्तावों पर विचार करने के बाद, प्रारूप समिति ने भारत के संविधान का पहला प्रारूप फरवरी 1948 में प्रकाशित किया। लोगों को इस पर चर्चा और संशोधन सुझाने के लिए 8 महीने का समय दिया गया। प्राप्त फीडबैक के आधार पर, दूसरा प्रारूप अक्टूबर 1948 में जारी किया गया। समिति ने अपना कार्य मात्र 6 महीनों में पूरा किया, जिसमें 141 बैठकें हुईं। यह दर्शाता है कि संविधान सभा की समितियां कितनी कुशलता से कार्य कर रही थीं।
संविधान सभा की समितियों का महत्व
ये समितियां भारतीय संविधान को लोकतांत्रिक, समावेशी और मजबूत बनाने में केंद्रीय भूमिका निभाईं। डॉ. अम्बेडकर जैसे नेताओं की अध्यक्षता में, इन समितियों ने मौलिक अधिकार, संघीय ढांचा और न्यायिक प्रणाली जैसे मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया। आज का भारतीय संविधान इन्हीं प्रयासों का परिणाम है।
क्या आप जानते हैं?
- 💡 संविधान सभा की कुल बैठकें 11 दिसंबर 1946 से 26 नवंबर 1949 तक चलीं।
- 💡 संविधान में मूल रूप से 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं।