टैलिसमैन सेबर 2025

 टैलिसमैन सेबर 2025 ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच आयोजित होने वाला एक प्रमुख द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है, जिसमें भारत सहित 18 अन्य देश भाग ले रहे हैं। यह अभ्यास, जो 2005 से हर दो साल में आयोजित होता है, अब अपने 11वें संस्करण में है और इसे ऑस्ट्रेलिया में अब तक का सबसे बड़ा और सबसे परिष्कृत युद्ध अभ्यास माना जा रहा है।

टैलिसमैन सेबर क्या है ?

टैलिसमैन सेबर एक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास है, जिसका मुख्य उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य सहयोगी देशों के बीच सैन्य साझेदारी और अंतर-संचालन को मजबूत करना है। यह अभ्यास एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न स्थानों और अपतटीय क्षेत्रों में आयोजित होता है, जिसमें रक्षा और गैर-रक्षा प्रशिक्षण क्षेत्र शामिल हैं।

2025 के संस्करण में 35,000 से अधिक सैन्यकर्मी भाग ले रहे हैं, जो इसे वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े सैन्य अभ्यासों में से एक बनाता है। इस अभ्यास में शामिल गतिविधियाँ सैन्य तैयारियों, जलस्थलीय लैंडिंग, ज़मीनी युद्धाभ्यास, हवाई युद्ध, और समुद्री अभियानों पर केंद्रित हैं।

टैलिसमैन सेबर 2025 में भाग लेने वाले देश

इस वर्ष अभ्यास में निम्नलिखित देशों की सेनाएँ शामिल हैं:

  • ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका (मुख्य आयोजक)
  • भारत, कनाडा, फ़िजी, फ़्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, जापान, नीदरलैंड, न्यूज़ीलैंड, नॉर्वे, पापुआ न्यू गिनी, फ़िलिपींस, कोरिया गणराज्य, सिंगापुर, थाईलैंड, टोंगा, यूनाइटेड किंगडम
  • पर्यवेक्षक देश: मलेशिया और वियतनाम

भारत की भागीदारी इस अभ्यास को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है।

अभ्यास की प्रमुख विशेषताएँ

टैलिसमैन सेबर 2025 में निम्नलिखित गतिविधियाँ शामिल हैं:

  1. लाइव-फायर अभ्यास: वास्तविक गोला-बारूद का उपयोग कर युद्ध परिदृश्यों का अनुकरण।
  2. फ़ील्ड प्रशिक्षण: ज़मीनी सैन्य युद्धाभ्यास और रणनीतिक प्रशिक्षण।
  3. जलस्थलीय लैंडिंग: समुद्री और तटीय क्षेत्रों में संयुक्त अभियान।
  4. हवाई और समुद्री अभियान: हवाई युद्ध और नौसैनिक रणनीतियों का अभ्यास।

ये गतिविधियाँ सहयोगी देशों की सेनाओं के बीच समन्वय और तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करती हैं।

भारत की भूमिका और महत्व

भारत का टैलिसमैन सेबर 2025 में भाग लेना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसकी बढ़ती रणनीतिक उपस्थिति को दर्शाता है। भारत, जो क्वाड (QUAD) का हिस्सा है, इस अभ्यास के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और अन्य सहयोगियों के साथ सैन्य सहयोग को और मजबूत कर रहा है। यह अभ्यास भारत को निम्नलिखित लाभ प्रदान करता है:

  • अंतर-संचालन क्षमता: भारतीय सशस्त्र बलों को अन्य देशों की सेनाओं के साथ संयुक्त अभियानों का अनुभव प्राप्त होता है।
  • रणनीतिक साझेदारी: यह भारत को क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों, विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में, सहयोगियों के साथ मिलकर काम करने का अवसर देता है।
  • तकनीकी और रणनीतिक विकास: भारत को आधुनिक युद्ध तकनीकों और रणनीतियों का आदान-प्रदान करने का मौका मिलता है।
Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url