राजस्थानी लोकगीत, या लोक गीत, राजस्थान की सांस्कृतिक आत्मा हैं। ये गीत प्रेम, वियोग, भक्ति, और उत्सव की कहानियाँ बुनते हैं, जो पीढ़ियों से चली आ रही हैं। केसरिया बालम की मधुर धुन से लेकर घूमर के जीवंत नृत्य तक, ये गीत राजस्थान के रेगिस्तानी परिदृश्य और शाही इतिहास को जीवंत करते हैं। इस पोस्ट में, हमने 50+ राजस्थानी लोकगीतों को एक आधुनिक टेबल में प्रस्तुत किया है, ताकि आप उनकी कहानियाँ, अवसर, और महत्व आसानी से समझ सकें।
लोकप्रिय राजस्थानी लोकगीतों की सूची
गीत का नाम | विवरण | अवसर | क्षेत्र | थीम |
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केसरिया बालम | प्रियतम की प्रतीक्षा में गाया जाने वाला हृदयस्पर्शी विरह गीत; राजस्थान का पर्यटन गीत। | सांध्यकाल, सांस्कृतिक आयोजन | पूरे राजस्थान | विरह |
घूमर | प्रसिद्ध नृत्य गीत, जो गणगौर और तीज पर रंग-बिरंगे घाघरों के साथ गाया जाता है। | त्योहार, शादियाँ | पूरे राजस्थान | उत्सव |
मूमल | जैसलमेर की राजकुमारी मूमल की रोमांटिक प्रेमकथा। | सांस्कृतिक समारोह | जैसलमेर | प्रेम, शृंगार |
ढोला मारू | सिरोही की कालजयी प्रेम कहानी, जुनून और भक्ति से भरी। | शादियाँ, त्योहार | सिरोही | प्रेम |
गोरबन्द | ऊँटों को सजाते समय गाया जाता है, जो उनकी सुंदरता का उत्सव है। | ऊँट उत्सव | मारवाड़, शेखावाटी | दैनिक जीवन |
औल्यूँ | किसी की याद में गाया जाने वाला भावनात्मक गीत, जैसे बेटी की विदाई पर। | विदाई, व्यक्तिगत क्षण | विभिन्न क्षेत्र | विरह |
काजलियो | शृंगारिक गीत, जो होली और शादियों में चंग के साथ गाया जाता है। | होली, शादियाँ | पूरे राजस्थान | शृंगार |
कुरजाँ | विरहिणी द्वारा कुरजाँ पक्षी को संदेशवाहक बनाकर गाया जाने वाला गीत। | वियोग के क्षण | पूरे राजस्थान | विरह |
तेजा गीत | तेजाजी की भक्ति में बोआई के दौरान गाया जाने वाला प्रेरक गीत। | कृषि कार्य | ग्रामीण राजस्थान | भक्ति |
पणिहारी | पानी भरते समय पति के प्रति निष्ठा को दर्शाने वाला गीत। | दैनिक कार्य | पूरे राजस्थान | दैनिक जीवन |
काँगसियो | बाल सजाने के लिए कंघे से संबंधित शृंगार गीत। | व्यक्तिगत सज्जा | विभिन्न क्षेत्र | शृंगार |
हमसीढ़ो | स्त्री-पुरुष द्वारा एक साथ गाया जाने वाला मेवाड़ का गीत। | सामुदायिक आयोजन | मेवाड़ | उत्सव |
हरजस | राम और कृष्ण की लीलाओं की प्रशंसा में शेखावाटी का भक्ति गीत। | धार्मिक समारोह | शेखावाटी | भक्ति |
रसिया | ब्रज क्षेत्र का प्रेम और उत्सव गीत। | त्योहार, मेले | भरतपुर, धौलपुर | प्रेम |
लावणी | नायक द्वारा नायिका को बुलाने वाला शृंगारिक और भक्ति गीत। | सांस्कृतिक आयोजन | विभिन्न क्षेत्र | प्रेम, भक्ति |
बधावा | शुभ कार्यों के लिए गाया जाने वाला उत्साहपूर्ण गीत। | शुभ अवसर | पूरे राजस्थान | उत्सव |
जच्चा | बच्चे के जन्म पर गाया जाने वाला उत्सव गीत। | जन्मोत्सव | पूरे राजस्थान | जन्म |
कागा | विरहिणी द्वारा कौए को संबोधित कर प्रियतम के आने का शगुन मनाने वाला गीत। | वियोग के क्षण | पूरे राजस्थान | विरह |
हींडो | सावन में झूला झूलते समय गाया जाने वाला मधुर गीत। | मानसून उत्सव | पूरे राजस्थान | मौसमी |
घुड़ला | होली के बाद कन्याओं द्वारा घुड़ला त्योहार पर गाया जाता है। | घुड़ला त्योहार | मारवाड़ | त्योहार |
कलाली | वीर रस से भरा शृंगारिक गीत। | सांस्कृतिक आयोजन | विभिन्न क्षेत्र | शृंगार |
मोरिया | सगाई के बाद विवाह में देरी से व्यथित लड़की की भावनाएँ। | सगाई के बाद | विभिन्न क्षेत्र | विरह |
चिरमी | नववधू द्वारा भाई और पिता की प्रतीक्षा में चिरमी पौधे को संबोधित गीत। | शादियाँ | ग्रामीण राजस्थान | विरह |
पावणा | दामाद के ससुराल आगमन पर स्वागत गीत। | दामाद का आगमन | विभिन्न क्षेत्र | उत्सव |
कामण | वर को जादू-टोने से बचाने के लिए गाया जाता है। | विवाह समारोह | विभिन्न क्षेत्र | अनुष्ठान |
रातिजगा | रात्रि जागरण के दौरान गाए जाने वाले धार्मिक गीत। | शुभ अवसर | पूरे राजस्थान | भक्ति |
कूकड़ी | रात्रि जागरण का अंतिम गीत। | रात्रि जागरण | पूरे राजस्थान | भक्ति |
हिचकी | किसी की याद में हिचकी आने पर गाया जाने वाला गीत। | व्यक्तिगत क्षण | अलवर-मेवात | विरह |
पपैयो | प्रेयसी द्वारा प्रियतम को बगीचे में मिलने का निमंत्रण, दांपत्य प्रेम का प्रतीक। | रोमांटिक आयोजन | विभिन्न क्षेत्र | प्रेम |
झोरावा | पति के परदेस जाने पर वियोग में गाया जाने वाला गीत। | वियोग के क्षण | जैसलमेर | विरह |
सूंवटिया | भील स्त्री द्वारा परदेस गए पति को संदेश भेजने वाला गीत। | वियोग के क्षण | भील क्षेत्र | विरह |
दुपट्टा | दूल्हे की सालियों द्वारा छेड़छाड़ वाला मजेदार गीत। | शादियाँ | पूरे राजस्थान | उत्सव |
पीपली | वर्षा ऋतु में प्रियतम को बुलाने वाला विरह गीत। | मानसून | शेखावाटी, बीकानेर | विरह |
जलो जलाल | बारात देखते समय स्त्रियों द्वारा गाया जाने वाला गीत। | विवाह समारोह | पूरे राजस्थान | उत्सव |
इंडोणी | पानी भरते समय सिर पर बोझा रखने के लिए गाया जाता है। | दैनिक कार्य | पूरे राजस्थान | दैनिक जीवन |
सुपणा | विरहिणी के स्वप्न से संबंधित गीत। | वियोग के क्षण | रेगिस्तानी क्षेत्र | विरह |
सींटणा | विवाह में भोजन के समय गाली गीत। | विवाह समारोह | पूरे राजस्थान | उत्सव |
बना-बनी | दूल्हा-दुल्हन के लिए विवाह में गाए जाने वाले गीत। | विवाह समारोह | पूरे राजस्थान | विवाह |
लाँगूरिया | कैला देवी की भक्ति में करौली क्षेत्र में गाया जाता है। | मेले, मंदिर दर्शन | करौली | भक्ति |
बीछूड़ो | मरने वाली पत्नी द्वारा पति को दूसरी शादी का संदेश। | भावनात्मक आयोजन | हाड़ौती | विरह |
पंछीड़ा | मेलों में ढोलक और मंजीरे के साथ गाया जाने वाला गीत। | मेले | हाड़ौती, ढूँढाड़ | उत्सव |
जीरो | पत्नी द्वारा पति से जीरा न बोने का अनुरोध। | दैनिक जीवन | विभिन्न क्षेत्र | दैनिक जीवन |
घोड़ी | दूल्हे की निकासी पर गाया जाने वाला गीत। | विवाह समारोह | पूरे राजस्थान | विवाह |
परणेत | विवाह अनुष्ठानों के लिए गाया जाने वाला गीत। | विवाह समारोह | पूरे राजस्थान | विवाह |
बिणजारा | पत्नी द्वारा पति को व्यापार के लिए प्रेरित करने वाला गीत। | दैनिक जीवन | विभिन्न क्षेत्र | प्रेम |
गढ़ गीत | रजवाड़ी और पेशेवर गीत। | सांस्कृतिक आयोजन | पूरे राजस्थान | ऐतिहासिक |
दारूड़ी | रजवाड़ों में शराब पीते समय गाया जाता है। | सामाजिक आयोजन | रजवाड़ी क्षेत्र | उत्सव |
लूर | राजपूत स्त्रियों द्वारा गाया जाने वाला गीत। | सांस्कृतिक आयोजन | रजवाड़ी क्षेत्र | ऐतिहासिक |
रातीजगा | देवताओं की भक्ति में रातभर जागकर गाए जाने वाले गीत। | विवाह, जन्मोत्सव, मुंडन | पूरे राजस्थान | भक्ति | - |
हिचकी | किसी की याद में हिचकी आने पर गाया जाने वाला गीत। | व्यक्तिगत क्षण | अलवर-मेवात | विरह | “म्हारा पियाजी बुलाई म्हानै आई हिचकी” |
पपैयो | प्रेयसी द्वारा प्रियतम को बगीचे में मिलने का निमंत्रण। | रोमांटिक आयोजन | विभिन्न क्षेत्र | प्रेम | - |
ढोला मारू | ढाढियों द्वारा गाई जाने वाली प्रेमकथा। | शादियाँ, त्योहार | सिरोही | प्रेम | - |
गोरबन्द | ऊँटों को सजाते समय गाया जाने वाला गीत। | ऊँट उत्सव | मारवाड़, शेखावाटी | दैनिक जीवन | “म्हारो गोरबंद नखरालौ” |
काजलियो | शृंगारिक गीत, चंग के साथ गाया जाता है। | होली, शादियाँ | पूरे राजस्थान | शृंगार | - |
औल्यूँ | किसी की याद में गाया जाने वाला भावनात्मक गीत। | विदाई, व्यक्तिगत क्षण | विभिन्न क्षेत्र | विरह | - |
कुरजाँ | विरहिणी द्वारा कुरजाँ पक्षी को संदेशवाहक बनाकर गाया गीत। | वियोग के क्षण | पूरे राजस्थान | विरह | “कूरजाँ ए म्हारौ भँवर न मिलाद्यो ए” |
सूंवटिया | भील स्त्री द्वारा परदेस गए पति को संदेश। | वियोग के क्षण | भील क्षेत्र | विरह | - |
मूमल | जैसलमेर की राजकुमारी मूमल की प्रेमकथा। | सांस्कृतिक समारोह | जैसलमेर | प्रेम, शृंगार | - |
तेजा गीत | तेजाजी की भक्ति में बोआई के दौरान गाया गीत। | कृषि कार्य | ग्रामीण राजस्थान | भक्ति | - |
घूमर | प्रसिद्ध नृत्य गीत, रंग-बिरंगे घाघरों के साथ। | त्योहार, शादियाँ | पूरे राजस्थान | उत्सव | - |
पणिहारी | पति के प्रति निष्ठा को दर्शाने वाला गीत। | दैनिक कार्य | पूरे राजस्थान | दैनिक जीवन | - |
पावणा | दामाद के ससुराल आगमन पर स्वागत गीत। | दामाद का आगमन | विभिन्न क्षेत्र | उत्सव | - |
काँगसियो | बाल सजाने के लिए कंघे से संबंधित गीत। | व्यक्तिगत सज्जा | विभिन्न क्षेत्र | शृंगार | - |
कामण | वर को जादू-टोने से बचाने के लिए गीत। | विवाह समारोह | विभिन्न क्षेत्र | अनुष्ठान | - |
झोरावा | पति के परदेस जाने पर वियोग गीत। | वियोग के क्षण | जैसलमेर | विरह | - |
गणगौर का गीत | गणगौर उत्सव का उत्साहपूर्ण गीत। | गणगौर त्योहार | पूरे राजस्थान | त्योहार | “खेलन द्यो गणगौर, भँवर म्हानै खेलन द्यो गणगौर” |
पीपली | वर्षा ऋतु में प्रियतम को बुलाने वाला विरह गीत। | मानसून | शेखावाटी, बीकानेर | विरह | - |
घुड़ला | कन्याओं द्वारा घुड़ला त्योहार पर गाया गीत। | घुड़ला त्योहार | मारवाड़ | त्योहार | - |
दुपट्टा | दूल्हे की सालियों द्वारा छेड़छाड़ गीत। | शादियाँ | पूरे राजस्थान | उत्सव | - |
हमसीढ़ो | स्त्री-पुरुष द्वारा एक साथ गाया गीत। | सामुदायिक आयोजन | मेवाड़ | उत्सव | - |
हरजस | राम और कृष्ण की लीलाओं की प्रशंसा में गीत। | धार्मिक समारोह | शेखावाटी | भक्ति | - |
बधावा | शुभ कार्यों के लिए उत्साहपूर्ण गीत। | शुभ अवसर | पूरे राजस्थान | उत्सव | - |
जलो और जलाल | बारात देखते समय स्त्रियों द्वारा गीत। | विवाह समारोह | पूरे राजस्थान | उत्सव | - |
रसिया | ब्रज क्षेत्र का प्रेम और उत्सव गीत। | त्योहार, मेले | भरतपुर, धौलपुर | प्रेम | - |
इंडोणी | पानी भरते समय बोझा रखने के लिए गीत। | दैनिक कार्य | पूरे राजस्थान | दैनिक जीवन | - |
लावणी | नायक द्वारा नायिका को बुलाने वाला गीत। | सांस्कृतिक आयोजन | विभिन्न क्षेत्र | प्रेम, भक्ति | - |
सीठणे | विवाह में खुशी के लिए गाली गीत। | विवाह समारोह | पूरे राजस्थान | उत्सव | - |
कलाली | वीर रस से भरा शृंगारिक गीत। | सांस्कृतिक आयोजन | विभिन्न क्षेत्र | शृंगार | - |
केसरिया बालम | पति की प्रतीक्षा में विरह व्यथा। | सांध्यकाल | पूरे राजस्थान | विरह | - |
मोरिया | सगाई के बाद विवाह में देरी की व्यथा। | सगाई के बाद | विभिन्न क्षेत्र | विरह | - |
जीरो | पत्नी द्वारा जीरा न बोने का अनुरोध। | दैनिक जीवन | विभिन्न क्षेत्र | दैनिक जीवन | - |
चिरमी | नववधू द्वारा भाई-पिता की प्रतीक्षा गीत। | शादियाँ | ग्रामीण राजस्थान | विरह | - |
सुपणा | विरहिणी के स्वप्न से संबंधित गीत। | वियोग के क्षण | रेगिस्तानी क्षेत्र | विरह | - |
जच्चा | बच्चे के जन्म पर उत्सव गीत। | जन्मोत्सव | पूरे राजस्थान | जन्म | - |
घोड़ी | दूल्हे की निकासी पर गीत। | विवाह समारोह | पूरे राजस्थान | विवाह | - |
बना-बनी | दूल्हा-दुल्हन के लिए विवाह गीत। | विवाह समारोह | पूरे राजस्थान | विवाह | - |
कागा | विरहिणी द्वारा कौए को संबोधित गीत। | वियोग के क्षण | पूरे राजस्थान | विरह | - |
बीछूड़ो | मरने वाली पत्नी का दूसरी शादी का संदेश। | भावनात्मक आयोजन | हाड़ौती | विरह | - |
पंछीड़ा | मेलों में ढोलक के साथ गाया गीत। | मेले | हाड़ौती, ढूँढाड़ | उत्सव | - |
लाँगूरिया | कैला देवी की भक्ति में गीत। | मेले, मंदिर दर्शन | करौली | भक्ति | - |
हींडो | सावन में झूला झूलते समय गीत। | मानसून उत्सव | पूरे राजस्थान | मौसमी | - |
दोहद | गर्भवती स्त्री की इच्छाओं का वर्णन। | गर्भावस्था | विभिन्न क्षेत्र | जन्म | - |
पीलौ | प्रसूता को पीली चूनर पहनाने का गीत। | जन्मोत्सव | पूरे राजस्थान | जन्म | - |
गादूलौ | बच्चे के लिए गाड़ी बनाने का गीत। | जन्मोत्सव | पूरे राजस्थान | जन्म | “सुण सुण रे खाती रा बेटा, गाडूलौ घड़ ल्याय” |
पीठी | उबटन लगाते समय गाया गीत। | विवाह समारोह | पूरे राजस्थान | विवाह | - |
कांमण | वधू-वर को वश में करने का गीत। | विवाह समारोह | विभिन्न क्षेत्र | अनुष्ठान | - |
भणत | विशेष लय में श्रम गीत। | काम के दौरान | विभिन्न क्षेत्र | दैनिक जीवन | - |
घुड़लौ | गौरी पूजन के दौरान कन्याओं का गीत। | घुड़ला त्योहार | मारवाड़ | त्योहार | “घूड़लौ घूमेला जी घूमेला” |
जमौ | रामदेवजी के जागरण का गीत। | धार्मिक जागरण | विभिन्न क्षेत्र | भक्ति | - |
रतन राणौ | सोढ़ा रतन राणा की पत्नी का करुण गीत। | स्मृति आयोजन | अमरकोट | विरह | - |