राजस्थान की लोक देवियाँ: शक्ति और आस्था का प्रतीक
राजस्थान की लोक देवियाँ सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का अभिन्न हिस्सा हैं। नीचे दी गई तालिका में प्रमुख लोक देवियों, उनके मंदिरों, और मान्यताओं की जानकारी दी गई है।
लोक देवी | कुलदेवी/वंश | मंदिर | विशेषता | इतिहास/मान्यता | मेला/प्रथा |
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करणी माता | बीकानेर के राठौड़ | देशनोक, बीकानेर | चूहों वाली देवी; सफेद चूहे के दर्शन शुभ | जन्म: सुआप गाँव; मेहरानगढ़ की नींव; चांदी के किवाड़ | - |
जीण माता | चौहान वंश | रैवासा, सीकर | अष्टभुजी प्रतिमा; ढाई प्याला शराब | धंध राय की पुत्री; पृथ्वीराज चौहान समय | चैत्र, आश्विन नवरात्रि मेला |
कैला देवी | करौली के यदुवंश | त्रिकूट पर्वत, करौली | लागुरिया गीत | - | नवरात्रों में लक्खी मेला |
शिला देवी | जयपुर के कछवाहा | आमेर दुर्ग, जयपुर | काले संगमरमर की मूर्ति | 1604 में बंगाल से लाई; नरबलि प्रथा | चरणामृत वितरण |
जमुवाय माता | कछवाहा राजवंश | जमुवारामगढ़, जयपुर | - | - | - |
आईजी माता | सिरवी क्षत्रिय | बिलाड़ा, जोधपुर | दीपक से केसर टपकती | रामदेवजी की शिष्या; नवदुर्गा अवतार | - |
राणी सती | अग्रवाल समाज | झुंझुनूँ | दादीजी के नाम से लोकप्रिय | नारायणी; पति तनधनदास; 1988 में मेला प्रतिबंध | भाद्रपद अमावस्या मेला |
आवड़ माता | जैसलमेर के भाटी | तेमड़ी पर्वत, जैसलमेर | सात कन्याओं की पूजा | सुगनचिड़ी अवतार | - |
शीतला माता | - | चाकसू, जयपुर | चेचक की देवी; गधा सवारी | माधोसिंह द्वितीय द्वारा निर्माण; खंडित प्रतिमा | चैत्र कृष्णा अष्टमी मेला |
सुगाली माता | आउवा के ठाकुर | - | दस सिर, चौपन हाथ | 1857 की क्रांति की देवी | - |
नकटी माता | - | जय भवानीपुरा, जयपुर | प्रतिहारकालीन मंदिर | - | - |
ब्राह्मणी माता | - | सोरसन, बाराँ | देवी की पीठ की पूजा | विश्व में अनूठा मंदिर | माघ शुक्ला सप्तमी गधों का मेला |
जिलाणी माता | - | बहरोड़, अलवर | लोक देवी | प्रसिद्ध मंदिर | - |
अम्बिका माता | - | जगत, उदयपुर | शक्तिपीठ; मेवाड़ का खजुराहो | मातृदेवियों को समर्पित | - |
पथवारी माता | - | - | तीर्थयात्रा की सफलता | लोक देवी | - |
नागणेची | जोधपुर के राठौड़ | जोधपुर | नीम के वृक्ष के नीचे थान | - | - |
घेवर माता | - | राजसमन्द की पाल | सति मंदिर; बिना पति सति | पाल निर्माण का श्रेय | - |
बाणमाता | सिसोदिया राजवंश | राजसमंद | - | - | - |
सिकराय माता | खण्डेलवाल | उदयपुरवाटी, झुंझुनूँ | - | - | - |
ज्वाला माता | खंगारोत | जोबनेर | - | - | - |
सच्चियाँ माता | ओसवाल | ओसियाँ, जोधपुर | मारू गुर्जर शैली | - | - |
आशापुरी माता | जालौर के सोनगरा चौहान | मोदरां, जालौर | - | - | - |
भदाणा माता | - | भदाणा, कोटा | मूठ का इलाज | - | - |
असावरी माता | - | निकुम्भ, चित्तौड़गढ़ | लकवे का इलाज | - | - |
तनोटिया देवी | - | तनोट, जैसलमेर | थार की वैष्णोदेवी | 1965 में बम निष्क्रिय; सीमा सुरक्षा बल | - |
महामाया माता | - | मावली, उदयपुर | शिशु रक्षक | - | - |
शाकम्भरी देवी | चौहान | शाकम्भरी, सांभर | - | - | - |
बड़ली माता | - | आकोला, चित्तौड़गढ़ | बच्चों की बीमारी दूर | बेड़च नदी के किनारे | - |
त्रिपुर सुंदरी | - | तलवाड़ा, बाँसवाड़ा | काले पत्थर की मूर्ति | तुरताई माता | - |
क्षेमकरी माता | - | भीनमाल, जालौर | - | - | - |
लटियाल देवी | - | फलौदी, जोधपुर | - | - | - |
अम्बा माता | - | उदयपुर; अम्बानगर, आबूरोड़ | - | - | - |
आसपुरी माता | - | आसपुर, डूँगरपुर | - | - | - |
छिंछ माता | - | बाँसवाड़ा | - | - | - |
सुंडा देवी | - | सुंडा पर्वत, भीनमाल | - | - | - |
नारायणी माता | - | राजगढ़, अलवर | - | - | - |
मरकंडी माता | - | निमाज | - | - | - |
चारभुजा देवी | - | खमनौर, हल्दीघाटी | - | - | - |
दधिमति माता | दाधीच ब्राह्मण | गोठ-मांगलोद, नागौर | - | - | - |
इंदर माता | - | इन्द्रगढ़, बूँदी | - | - | - |
भद्रकाली | - | हनुमानगढ़ | - | - | - |
सीमल माता | - | वसंतगढ़, सिरोही | - | - | - |
अधरदेवी | - | माउण्ट आबू, सिरोही | - | - | - |
भँवाल माता | - | भांवल, मेड़ता, नागौर | - | - | - |
चौथ माता | - | चौथ का बरवाड़ा, सवाईमाधोपुर | - | - | - |
पीपाड़ माता | - | ओसियाँ, जोधपुर | - | - | - |
कैवाय माता | - | किणसरिया, परबतसर, नागौर | - | - | - |
बिरवड़ी माता | - | चित्तौड़गढ़ दुर्ग; उदयपुर | - | - | - |
हिंगलाज माता | - | नारलाई, जोधपुर; लोद्रवा, जैसलमेर | - | - | - |
अर्बुदा देवी | - | माउण्ट आबू, सिरोही | राजस्थान की वैष्णोदेवी | - | - |
इडाणा माता | - | सलूम्बर, उदयपुर | अग्नि स्नान करने वाली | आदिवासियों द्वारा पूजा | - |
राजेश्वरी माता | जाट | भरतपुर | - | - | - |
चामुंडा माता | पृथ्वीराज चौहान | अजमेर | 1183 में निर्मित | चंदबरदाई की इष्ट देवी | - |
जोगणिया माता | - | ऊपरमाल, भीलवाड़ा | मुर्गे छोड़ने की प्रथा | - | - |