जैविक/ विषाक्त हथियारों के विकास, उत्पादन, भंडारण, अधिग्रहण, हस्तांतरण और उपयोग पर प्रतिबंध लगाता है। जैविक हथियार युद्ध के उन उपकरणों को कहते हैं, जो हानिकारक जीवों (बैक्टीरिया, वायरस, कवक, विषैले पदार्थ) को फैलाते हैं। इससे मनुष्यों/ जानवरों/ पौधों में बीमारी/ मृत्यु होती है।
सामूहिक विनाश के हथियारों (WMD) के एक पूरे वर्ग पर प्रतिबंध लगाने वाली पहली बहुपक्षीय निरस्त्रीकरण संधि।
पक्षकार: भारत सहित 189 देश पक्षकार हैं।
उत्पत्ति: इसे 1972 में हस्ताक्षर के लिए प्रस्तुत किया गया था। यह 1975 में लागू हुई थी। यह कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतर्राष्ट्रीय संधि है।
प्रशासन: इसका प्रशासन संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण मामलों के कार्यालय (UNODA) द्वारा किया जाता है। UNODA का मुख्यालय जिनेवा में है।