भारत समुद्री सिद्धांत 2025: नई रणनीति से मजबूत समुद्री सुरक्षा

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नौसेना दिवस से ठीक पहले, 2 दिसंबर 2025 को नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने भारत समुद्री सिद्धांत-2025 (IMD-2025) जारी किया। यह दस्तावेज़ नौसेना की रणनीति, भूमिकाओं और संघर्ष के पूरे स्पेक्ट्रम में नियोजन का मार्गदर्शन करेगा। IMD-2025 पिछले दशक में समुद्री परिवेश के बदलावों को प्रतिबिंबित करता है, जिसमें उभरते खतरों और तकनीकी प्रगति शामिल हैं।

मुख्य संदेश: महासागरों को विकसित भारत 2047 का आधार बनाना – ग्रे-ज़ोन और बहु-डोमेन चुनौतियों से निपटने के लिए जॉइंटनेस और नवाचार पर जोर।

IMD का इतिहास: विकास यात्रा

2004

पहला संस्करण जारी

2009

संशोधन

2015

पुनः संशोधन

2025

नया संस्करण: विकसित भारत फोकस

यह सिद्धांत सागरमाला, पीएम गति शक्ति, मैरीटाइम इंडिया विजन 2030, मैरीटाइम अमृत काल विजन 2047 और MAHASAGAR जैसी राष्ट्रीय पहलों को एकीकृत करता है, जो भारत को समुद्री शक्ति के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखता है।

IMD-2025 की प्रमुख विशेषताएँ

ग्रे-ज़ोन युद्धों को मान्यता

  • पहली बार "नो-वॉर, नो-पीस" को शांति और पूर्ण युद्ध के बीच अलग चरण के रूप में चिन्हित किया गया।
  • ग्रे-ज़ोन टैक्टिक्स, हाइब्रिड और उप-सीमा कार्रवाइयों पर फोकस – जबरन लेकिन अस्पष्ट प्रतिरोध।
  • आधुनिक वास्तविकताओं के अनुरूप: सूक्ष्म स्तर के चल रहे खतरों से निपटना।

संयुक्तता और त्रि-सेवा एकीकरण

  • अंतर-संचालनीयता और एकीकृत संचालन पर जोर – थिएटर कमांड की दिशा में कदम।
  • हालिया त्रि-सेवा सिद्धांतों (विशेष बल, एयरबोर्न, बहु-डोमेन) के साथ संरेखण।
  • लाभ: संसाधन अधिकतम उपयोग, तेज निर्णय, बहु-डोमेन खतरों का प्रभावी निपटारा।

बहु-क्षेत्रीय खतरे, उभरती प्रौद्योगिकियाँ और स्वायत्त प्रणालियाँ

  • परिचालन थिएटर का विस्तार: समुद्र से अंतरिक्ष, साइबर, संज्ञानात्मक डोमेन तक।
  • मानवरहित प्रणालियाँ, स्वायत्त प्लेटफॉर्म और एआई का एकीकरण।
  • ग्रे-ज़ोन, हाइब्रिड और अनियमित युद्धों का समाधान – समुद्री जटिलताओं को संबोधित।

सिद्धांत का महत्व: राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए क्यों ज़रूरी?

  • सैद्धांतिक स्पष्टता: नौसेना की भूमिकाओं पर फोकस – क्षमता विकास और तत्परता के लिए फ्रेमवर्क।
  • बहु-डोमेन विस्तार: साइबरस्पेस, अंतरिक्ष, समुद्र तल और हाइब्रिड युद्ध शामिल – स्वायत्त तकनीकों का समर्थन।
  • आत्मनिर्भर भारत: स्वदेशी विकास, तकनीक अपनाना और लंबी अवधि की सुरक्षा प्राथमिकताएँ।
  • क्षेत्रीय प्रभाव: भारत की समुद्री भूमिका मजबूत – महासागरों को राष्ट्रीय शक्ति का केंद्र बनाना।
विशेष: IMD-2025 नौसेना को भविष्य के युद्धों के लिए तैयार करता है, जहाँ जॉइंटनेस और टेक्नोलॉजी निर्णायक होंगे।

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